Yusuf

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मर्द इसे कहते हैं


मर्द इसे कहते हैं

    किसी ने मेरे ऊपर हँसकर कहा बीबी के लिए
इतना करेगा तो जोरू का गुलाम बन जायगा!

अगर उसके आगे हर बार झुका तो मर्द के नाम पर 
दाग लग जायगा जब तुझसे अपनी औरत ही बस में 
नहीं हो सके तो तू क्या मर्द बन पाएगा!

     मैं छोटे शब्दो में छोटा जवाब दे गया! मैं उसकी 
गलतियों पर मारकर मर्द ना बन पाउ पर उसको 
प्यार से समझाकर उसका दोस्त बन जाउंगा!

उसकी खुशी के लिये हर बार झुक जाऊगा तो 
मर्द नहीं उसका प्यार बन जाउंगा! उसकी हर 
बातो को बड़े प्यार से सुन जाऊ तो मर्द नहीं अपने 
पन का एहसास उसको हमेशा दिलाऊंगा!

उसके हर दुःख हर तकलीफ में उसके साथ खड़ा हो 
जाऊगा तो मर्द नहीं उसका पति बन जाउंगा!

उसके हर एहसास हर जज्बातो को दिल से समझ 
जाऊ तो उसको हमेशा अपना बनाऊँगा! मर्द बनू   
या ना बनू पर उसकी जिंदगी खुशीयो से भर जाये 
ऐसा उनका हम सफर बन जाउंगा!

      लक्ष्मी कहते है घर की ओरतो को तो उनको 
लक्ष्मी अपने घर की बनाऊगा उसका भी हक होगा 
मुझ पर ऐसा उसको एहसास दिलाऊंगा! उसको 
मारकर मैं अपनी लक्ष्मी को कैसे रुसवा कर पाउंगा!
कभी सुना है की भगवान को कोई मारता है तो मैं 
अपनी लक्ष्मी पर कैसे हाथ उठाऊंगा!

        मर्द की मर्दानगी कुत्तो में नहीं शेरो में आजमाई 
जाती है! लड़की और औरत पर हाथ उठाकर तो 
बुजदिली कहलायी जाती है! घर की औरतो को दिल 
से समझकर तो मर्द की सच्ची शान कहलायी जाती है!

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2 Comments

Abhinav ji

29-Mar-2024 08:11 AM

Very nice👍

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Punam verma

29-Mar-2024 07:54 AM

𝘝𝘦𝘳𝘺 𝘯𝘪𝘤𝘦👍

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